vedik sanskrati

 वैदिक संस्कति के कुछ उपयोगी नोट्स हम इस पोस्ट में डालने जा रहे है । जो S. S की विषय मे REET 2020 के आधिकारिक पाठ्यक्रम के अनुसार दूसरे नंबर पर है ।। तो दोस्तो आज हम वैदिक संस्कृति के मूल टॉपिक पर कुछ नोट्स को देखेंगे । 

वैदिक संस्कृति

*वसुधेव कुटुम्बकम यह हमारे देश की  विशेषता रही है। 

*📲 वैदिक काल को 2 भागो में बंटा गया है 
   1. पूर्व वैदिक काल ( जो ऋग्वेद का काल 1500- 1000 ई. पू )
   2.  उत्तर वैदिक काल ( अन्य वेद व वैदिक साहित्य काल 1000 से 600 ई. पू)

* ऋग्वेग के समय की सभ्यता को ऋग्वेदिक सभ्यता एवं उसके बाद वैदिक काल की सभ्यता को उत्तर वैदिक काल की सभ्यता कहते है । 

* ****वैदिक साहित्य :-*****

* भारतीय संस्कृति का सम्पूर्ण आधार वेद है । 

* वेद का अर्थ ज्ञान या जानना होता है ।

* वेद के चार भाग है 
 1 सहिंता 
 2 ब्राह्मण
 3 अरण्यक
 4 उपनिषद
* प्रारंभिक तीनो वेदों को त्रयी कहा जाता है 

* तीनो वेदों का नाम :-
1 ऋग्वेद
2 जयुर्वेद
3 सामवेद   ये तीनो वेद त्रयी कहलाते है।

* वेदों की संख्या 4 है ।
  1. 1.ऋग्वेद 2.. जयुर्वेद 3. सामवेद 4. अथर्ववेद

* वेद अपौरुषेय ( मनुष्य के द्वारा रचित नही ) तथा शाश्वत कहा है । ऋषियों को मंत्रद्रष्टा कहा गया है । 

********ऋग्वेद*******

* ऋग्वेद सर्वाधिक महत्वपूर्ण और सबसे प्राचीन वेद है 1500 से 1000 ई .पू

* ऋग्वेद को रिकसहिंता भी कहा जाता है ।

* ऋकृ छन्दों व चरणों से युक्त देवताओ की स्तुति के मन्त्र

* ऋग्वेद में देवताओ की स्तुति प्रार्थना है जिसमे तीन देवता प्रमुख है अग्निदेव इंद्रदेव ओर सोम देव  सोम एक पौधे का नाम है । 

*ऋग्वेद में कुछ रचनाए महिलाओ द्वारा भी की गई है जिनमे प्रमुख है ( अपाला , घोष , लोपामुद्रा , काक्षावर्ती)

* ऋग्वेद की भाषा पाक संस्कृत या वैदिक संस्कृत है ।

* भूर्ज व्रक्ष की चाल पर लिखी ऋग्वेद की पांडुलिपि कश्मीर में पाई गई थी ।

* वर्तमान में प्रचलित गायत्री मंत्र ऋग्वेद का ही मन्त्र है ।       

* ऋग्वेद का अंग्रेजी अनुवाद पांडुलिपि के देख कर किया जो पुणे महारष्ट्र में एक पुस्तकालय में सुरक्षित है ।


 ********************* यजुर्वेद *********

  1. यह ऋग्वेद के बहुत बाद में लिखा गया वेद हे   |
  2. यजुर का अर्थ हे "यज्ञ "
  3. इस वेद में सर्वप्रथम राजसूय और वाजपेय  यज्ञो का उल्लेख मिलता हे |
  4. इसे अध्यर्यू वेद भी खा जाता हे 
  5. इसे सम्पादित करने वाला ब्राह्मण भी अध्यर्यू  कहा  जाता हे |


************सामवेद ***********

  • सामवेद के प्रथम दृष्टता वेदव्यास हे , लेकिन उनके शिष्य जैमिनीय ने इसे पूरा किया 
  • साम का शाब्दिक अर्थ गान हे 
  • सामवेद भारतीय संगीत शास्त्र का प्रचीन ग्रन्थ हे  इसे भारतीय संगीत का जनक भी खा जाता हे 
  • भारतीय संगीत का जनक सामवेद को खा जाता हे 

**************अथर्ववेद **************

  • इस वेद का नाम अथर्व ऋषि के नाम पर पड़ा हे 
  • इस वेद में विभिन्न विषय हे धर्म ज्ञान , जादू टोना टोटका आदि 

👼 ब्राह्मण 👹

ब्राह्मणो का काम सभी वेदो को पढ़न और अनुष्ठान के कार्य करना होता हे 


☝👮आरण्यक 👮

  • आरण्यक का अर्थ एकांत वन होता हे 
  • इनकी संख्या 7 हे 

📖उपनिषद 📖

  • उपनिषद उत्तर वैदिक कल का हिस्सा थे 
  • इसे वेदांत भी कहते हे 
  • बृहदारण्य उपनिषद में यञवल्क्य और गार्गी का उल्लेख मिलता हे 
  • मुण्डक उपनिषद में सत्यमेव जयते वक्य मिलता हे 
  • जबालोपनिषद में पहली बार चतुर्थ आश्रम व्यवस्था  का उल्लेख मिलता हे 
महाकाव्य 
,रामायण 
  • हिन्दुओ का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ |
  •  इसकी रचना वाल्मीकि ने की थी 
  • रामायण  में वर्तमान में 24000 श्लोक व् खंड काल हे  1 बालकाण्ड 2 आयोध्या कांड 3 अरण्यकाण्ड  4 किष्किन्धाकाण्ड 5 सुंदरकांड 6 लंका कांड 7 उत्तरकाण्ड 
  • महाभारत की तुलना में रामायण एक लघु ग्रंथ हे 

महाभारत 

  • यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाब्य हे 
  • इसके रचयता कृष्णा द्वैपायन वेदव्यास थे 
  • वेदव्यास के गुरु विश्वाक्षसेन थे 
  • महाभारत का पहला नाम जय सहिंता था 

वैदिक कालीन सामाजिक जीवन 

  • सयुक्त  परिवार प्रथा 
  • नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा 
  • नारी का समाज में मत्वपूर्ण स्थान 
  • जीवन में सोलह संस्कारो का महत्त्व 
  • वसुधेव कुटुंबकम की भावना 
  • आश्रम व्यवस्था 
आश्रम व्यवस्था 
  • मुख्य 4 वर्ण हे 1 ब्रह्मचर्य 2 गृहस्थ 3 वानप्रस्थ 4 सन्यास 
  • ब्रह्मचर्य आश्रम 
  1. यह मनुष्य जीवन का पहला भाग हे 
  2. इस काल में जो कुछ सीखता था वह गृहस्थ जीवन में अपने व्वहार में लता था 
  3. यह जन्म से 25 वर्ष तक इसका अध्ययन करता था 
  • गृहस्थ आश्रम 
  1. इसकी आयु 25  से 50  तक मानी गयी हे  
  2. विवाह इस आश्रम  का  मुख्य संस्कार हे 
  3. यह अन्य आश्रम का पोषक था 
  • वानप्रस्थ आश्रम 
  1. इसकी आयु 50 से 75 वर्ष हे 
  2. इसमें व्यक्ति घर के कामो से मुक्त होकर वन में अपना जीवन निकलता था 
  3. इसमें सम्पूर्ण समाज के कल्याण लिए सोचता था 
  4. ग्रहस्थो को सलाह देना इसका मूल कार्य हॉट्स था 
  • सन्यास आश्रम 
  1. इसकी आयु 75 से 100  वर्ष माना गया हे 
  2. इस आश्रम में सब कुछ छोड़ कर व्यक्ति सम्पूर्ण समाज के लिए निस्वर्थ उपदेशक बन जाता हे 
  3. एक जगह नहीं रहकर एक सन्यासी की तरह जीवन व्यतीति करता हे 
वर्ण व्यवस्था 
  •  वर्ण व्यवस्था  ऋग्वेद के दसवे मंडल में पुरुषूक्त में पहले बार चतुवर्ण व्यवस्था का उल्लेख मिलता हे 
  • इसके अनुशार ब्र्हह्माण क्षत्रिय वैश्य और क्षुद्र ये चार वर्ण हे 
महा जनपद कालीन भारत 
अंगुत्तर निकाय में सोलह महाजनपदों का उल्लेख मिलता हे 

अंग :- यह आधुनिक बिहार के भागलपुर मुंगेर जिलों तक विस्तृत थ

           इसकी राजधानी चंपा (प्राचीन मालिनी) थी  

मगध :-  यह वर्तमान के पटना गया और शाहाबाद जिलों में स्थित था 

            इसकी प्रारम्भिक राजधानी गिरिव्रज थी बाद में पाटलिपुत्र बनी 

काशी  :- वर्तमान में वराणसी और उसके सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित थी , इसकी राजधानी वाराणसी वरुणा व् असी थी 

कौशल :- वर्तमान में उत्तरप्रदेश के अवध क्षेत्र में हे यह सरयू नदी में दो भागो में विभक्त हे 

वज्जि :- इन राज्य बिहार व् नेपाल के मध्य मुजफर व् जनकपुर के मध्य हे   , यह आठ गणराज्यो का समूह था 

मल्ल :- पूर्वी उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले में हे इसमें दो गणराज्य थे 

चेदि :- आधुनिक बुंदेलखंड के पूर्वी सीमवर्ती क्षेर्ता , इसकी जैधनि सोत्थिवति थी इसी समय इसकी एक शाखा कलिंग में भी थी 

वत्स :- आधुनीक इलाहबाद और बाँदा जिले में यमुना नदी के किनारे स्थित 

कुरु :- यह वर्तमान दिल्ली मेरठ थानेश्वर में स्थित था इसकी राजधानी इंरप्रस्थ और प्रमुख नगर हस्तिनापुर था 

पांचाल :- बरेली बदायू फर्रुखाबाद अर्थात गंगा जमुना हे बिच दोआब क्षेत्र में इसकी राजधानी अहिष्चतरथी 

मत्स्य :- जयपुर अलवर भरतपुर क्षेता राजधानी विराटनगर जयपुर 

शूरसेन :- महाजनपद ब्रजमंडल क्षेत्र में स्थित हे इसकी राजधानी मथुरा थी ; यह यादवो का राज्य था 

अश्मक :- महाराष्ट्र के गोदावरी नदी के तट पर स्थित हे , एक मात्र जनपद जिसका उल्लेख बौद्ध साहित्य में हुआ , इसकी राजधानी पोतन हे 

अवन्ति :- यह मालवा में स्थित  हे , यह दो भागो में विभक्त हे दक्षिणी अवन्ति जिसकी राजधानी महिष्मति और उत्तरी अवन्ति जिसकी राजधानी उज्जैन हे 

गांधार :- वर्तमान में पाकिस्तान के पेशावर और  रावलपिंडी क्षत्र में हे , इसकी राजधानी तक्षशिला थी 

कम्बोज :- आधुनिक कश्मीर के उतरी भाग में काफिरिस्तान में स्थित हे इसकी राजधानी हाटक हथी  


 रीट की अन्य परीक्षा में पूछे गए प्रश्न और कुछ महत्वपूर्ण संकलन 

  • सोलह महाजनपदों का उलेख अंगुत्तर निकाय में मिलता हे  (REET 2017 L.2)
  • शूरसेन जनपद की राजधानी मथुरा थी   (REET 2017 L.2)
  • रवि नदी का प्राचीन नाम परुष्णी था   (REET 2017 L.2)
  • गंगा जमुना दोआब आर्यो का केंद्रीय स्थल था   (REET 2015 L.2)
  • भगवत गीता महाभारत का एक भाग हे   (REET 2011 L.2 )
  • ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद हे   (2ND GRED SST RE. EXAM 2014 )
  • चार आश्रमों का उल्लेख हमे जाबालोपनिषद में मिलता हे   (2ND GRED SST RE. EXAM 2014 )

         


   

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