Hindi language 1st Reet 2021 भाग 2

      वर्ण के प्रकार 

वर्ण के मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते है । 

1. स्वर 

2. व्यंजन 


स्वर :- # स्वर हमेशा स्वतंत्र होते है ।

          # स्वर को किसी अन्य वर्ण की सहायता नही लेनी पड़ती है । 

             जैसे :- "अ" वर्ण को बोले है किसी भी अन्य वर्ण का उच्चारण                         नही हो रहा है । 

व्यंजन :- # ये स्वतंत्र नही होते है 

             # व्यंजन वर्णो को स्वयं पूर्ण होने के लिए सदैव किसी अन्य                       स्वर की सहायता लेनी पड़ती है । 

                 जैसे :-  क्+अ =क 

1. स्वर :-   स्वर को कभी भी अन्य की आवश्यकता नही होती ये                          स्वतंत्र   होते है । 

स्वर की कुल संख्या 11 होती है :- 

"अ" , "आ" , "इ" , "ई" , " उ" , "ऊ" , "ऋ", "ए" , "ऐ" , "ओ" , "औ" आदि । 

इस प्रकार से सभी स्वरों की संख्या 11 होती है 

स्वरों के प्रकार :- मात्रा या उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर                           स्वर तीन प्रकार  के होते है ।

1. हस्व स्वर या लघु / छोटा / एकमात्रिक / मूल

   जैसे :- "अ" , "ई" , "ऋ" ये वही वर्ण है जिनको एकमात्रिक या हस्व                 स्वर कहते है । क्योंकि इनमें एक ही मात्रा लगा सकते है                       इसलिए इन्हें एकमात्रिक स्वर कहते है 

2. दीर्घ स्वर / गुरु / बड़ा / द्विमात्रिक / या संधि स्वर कहते है । 

      जैसे :- "आ" , "ई" , "ऊ" , " ऐ" , "ओ" , "औ" 

3. प्लुत स्वर :- ये स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक              समय  अर्थात तीन मात्राओ का समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर                कहते है ।  




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